बहके है हम बहकी ये हवाएं है संभाले हुए हमें जज़्बात हमारे है इन सांसों से आज दिल में तेरे उतरना है निगाहों से पढ़कर तेरे दिल के जज़्बात पर अरमान हमारे रखना है देखूं आज इनमें कितनी वफाएं है जो धड़कता है दिल तेरा क्यूं नजरें तेरी शरारत करती है इन सांसों पर लिखकर अपनी वफाओं को लबों पर सजा लूं तुझे दूर से देखें कोई मुझे तो पढ़ लें मेरी आंखों में तुझे , झुकाकर नज़रों को कह दें वो भी क्या महबूब मिला है तुझे
Many have come, Many have gone, Embracing him with lights, Of their own. But he was still there, Standing at the start, Because he was seeking someone, With A heart full of Dark.