Khusiyan kisi or se, Aur dukh mujhse bantti ( बांटती ) hai,, Dil dukhaye koi aur, Magar rone ko kandha mera chahti hai,, Bas uski esi maasumiyat pe toh dil aa gaya hai, Kyuki use khud bhi nhi maaloom, Ki use mujhse pyar ho gaya hai,,....
बहुत कम मौका मिलता है किसी से रूबरू होने का..फेसबुक के ज़रिए बहुत अच्छे और कई करीब दोस्त मिले, लेकिन YQ से...
अनगिनत हैं...
बस कुछ ऐसे है जिन्हें पढ़ना अच्छा लगता है, इसलिए नहीं कि वो कैसा लिखते है, बल्कि इसलिए कि वो लिखते हैं खुद के लिए, उनके लिखने में वो रंग है जिसे मैंने गहरा होते देखा है...