सलाम आज , हर उस बच्चे के जज़्बे को भी । अम्मी-अब्बू , के हर हालात में साथ निभाने को । उनके साथ , संतोष का दामन बांधने को । अपनी ज़िद्द , की डोर थामने को । जितना है , उसी में खुशियां दुंढने को । सलाम आज , हर उस बच्चे के जाज़्बे को भी ।
यह प्यार करने वालों की प्यार की गहराई ना जाने कितनी होती हे ना? जो इसमें एक बार गिर गया वो कभी उठना नहीं चाहता। जो इस गहराई को समझ ना सका वो कभी इसका महत्व नहीं समझा।
It is the moral responsibility of everyone in civilized society to cover the uncovered but ironically everyone shamelessly enjoys uncovering the covered.