तुम मुझे फेंक दो, ऐसी चीज तो नहीं हैं। बात दिल पर लग जाए ऐसी बुरी तो नहीं है, खंजर की तरह चुभता है ऐसे तुम्हारा उखड़ना, ये मोहब्बत है मोहतरमा, कोई मजाक तो नहीं है।
पता नही क्यूँ अब मुझसे निगाहे नही मिलाती पता नही क्यूँ अब वो मेरे बुलाने पे नही आती किसी और से मुलाकात की कोई खबर नही है नजरे हर पल ढूँढती है पर वो नजर नही आती