मोहताज नही हैं वो,
मेहंगे तोहफो की..
जिद्द बस एक ही हैं,
मेरे मां से मिलने की..
उसकी चाहत हैं,
साथ हर पल गुजारने की..
और ख्वाईश है,
जिंदगी मेरे साथ जिने की..
मे भी कैसे रहू,
उससे जुदा..
मे उसिमे अब,
देख रहा हुं मेरा खुदा..
ए खुदा उसे हमेशा,
मेरा बनाके रखना..
अगर हो जाये वो जुदा,
तो याद तुम भी रखना..
(Shubham Deøkar)
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