दुनिया जो तूने सजाई रब्बा,
कुछ मोहरे उसको जालाते हैं ,
रहम तूने दिखाई मौला ,
ख़ून हर रोज़ वो बहाते हैं ।
नाम तेरा रख सामने,
वो लाख गुनाह बरपाते हैं,
क्या तुझे दिखते नहीं वो ,
तेरे हबीब कहलाते है !
तू कौन है तेरा नाम है क्या,
है साहिब, ईशु या राम , खुदा !?
चिरागों को अब जगा दे।
रग-रग में बहता जुनून तू ,
या पत्थरों में है बता दे !?
या तू आंखे खोल मौला ,
या हमको अब तू सुला दे।
-