मेरी अधिकतर कविताएं तुम्हारे इर्द गर्ध घूमती है
वो वर्णन तुम्हारा खूब करती है
कोई नयाईका होते तो ...श्रृंगार से शुरू कर देती
पर बनाई हुई बाते तुम्हारी काफी हैं
पर पता है तुम्हे
कितनो ने तुम्हारी तस्वीर बना ली है ...मेरी आंखो से जो तुम्हे देखते है
शुभ हो तुम ...चयन जो मेरे लिए हुआ है💕
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