हे, पार्थ कहो कौन से पुण्य किए हो
जो गोविंद रिझाए जाए रहे हो
हे पार्थ, कहो कौन से बंधन में बांधा
जो हरि भव बंधन छुड़ाएं रहे हैं
हे पार्थ, कहो कौन सी प्रीत किए हो
जो कन्हैया मित्रता धर्म निभाएं रहे हैं
हे पार्थ, कहो कौन सा प्रेम किया है
जो ठाकुर आंसू बहाए रहे हैं
हे पार्थ, कहो कौन सा धर्म निभाया
जो केशव सुदर्शन उठाए रहे हैं
हे पार्थ, कहो कौन सी विनम्रता दिखाई
जो जगतपति सारथी बनाए रहे हों
हे पार्थ, कहो कौन सी उदासीनता दिखाई
जो परमेश्वर गीता सुनाएं रहे हैं
हे पार्थ, कहो कौन सी आशंका जताई
जो नटवर विराट रूप दिखाएं रहे हैं
हे पार्थ, कहो किस भाव से बुलाया
जो मोहन कलाई पकड़े खड़े हैं
हे पार्थ, कहो कौन सी भक्ति किए हो
जो सर्वेश्वर सर्वस्व लुटाए रहे हैं
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