QUOTES ON #MISSING_TALES

#missing_tales quotes

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23 MAR 2020 AT 22:29

अर्सों बाद जो खुद से मिलें तो थोड़ा घबरा गएं,
वजूद पूछने लगा अरे तुम इधर कैसे आ गएं?

क्या टूटीं है कुछ ख़्वाहिश़ें या कोई छोड़के चला गया?
क्या बात है जो तुम इस नाचीज़ के इतने करीब आ गएं?

बड़ी तल्ख़ी थी आज उसकी भी लिहाज़-ए-पेश़गी में,
उसकी वो बेशुमार नाराज़गी देख हम सकत्ते में आ गएं।

हां कि जायज़ थे उसके हर इल्ज़ामात हम ही निकलें मतलबी,
आज जो आईने से मुख़ातिब हुएं तो अपने आप से श़रमा गएं।

भटकते रहें दर-ब-दर,हम ढूंढते रहें इक आश़ना दिनभर,
पर जैसे ही रात हुई घूम-फिरके उसीकी चौखट पर आ गएं।

ये सच निकला कोई अपना नहीं,जहां में सिवाय अपने,
ये बात भी मुझे 'वक्त' और मेरी 'गलतियां' हीं बता गएं।




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4 MAR 2020 AT 0:36

वो सुकून भरी झपकी जिसे तलाशते रहें उम्रभर,
कहीं मिला नहीं, ढूंढ आएं दरख्तों के छांव कई।

वो प्यारी आंखें भी न जानें किधर गुम हो गईं,
जिनमें बसते थें हमारे ख़्वाबों के शहर-गांव कई।

वो खनकीली मुस्कुराहटें भी नसीब नहीं अब मौला!
जिनके लिए खेल गएं हम जिंदगी से भी दांव कई।

कई बार कोशिश की दोस्ती करूं कुछ अजनबियों से भी,
तभी उभर के सामने आ गएं अपनों से ही मिले घाव कई।

एक बाज़ार अपने श़हर में हम ऐसा भी देखके चौंक गए,
जहां लोग तो बिकते हैं,ज़ज्बातों के भी होते हैं भाव कई।

हम डूबे उस दरिया में अपनी अक्खड़ फितरत के फेर में,
वरना किनारे पर ही खड़े थे मांझी भी कई और नाव कई।

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