Ankita Tripathi 19 DEC 2017 AT 17:46 इश्तियाक़ मत करना हमसे निगाह मिलानें की सनमगर इश्क़ चढ़ गया सर तो लाचार हो जाओगे - Ankita Tripathi 26 DEC 2017 AT 8:29 मिज़ाज ए फ़ितरत को यक़ीनन सुधार लो औरज़िंदगी पढ़ने के लिए उसके कुछ सबक उधार लो - Ankita Tripathi 11 DEC 2017 AT 8:20 कही ढ़ूँढ़ने से मिले तो उठा लेना आज की तारीख में खुशियाँ बड़ी मुश्किल से मिलती हैं साहब - Ankita Tripathi 31 DEC 2017 AT 9:31 चूम कर मेरे माथे को माँ ने सुबह का कलाम पढ़ दिया पकड़ा के चाय का प्याला सुबह का इन्तेजाम कर दिया - Ankita Tripathi 28 DEC 2017 AT 9:33 चाय की चुस्की और उसमें घुला माँ का प्यार ऐसे ही होती है हम जैसे हज़ारों की जिंदगी गुलज़ार - Ankita Tripathi 27 DEC 2017 AT 18:39 ग़ालिब नें क़लम की क्या खूबसूरती हमें दिखाई कि हर शायर को दर्द में बस क़लम ही लगती दवाई - Ankita Tripathi 25 DEC 2017 AT 22:23 राजनीति का सत्य जो हमेशा से विकल हैगम्भीर से हर पक्ष को बनाया जिसनें सरल है विपक्षी भी करते जिनके आगे पहल हैं उस"अटल"जैसा न कोई दूसरा"अटल" है - Ankita Tripathi 21 DEC 2017 AT 8:33 ब्रह्म को ढूंढत क्यों फिरे, ब्रह्म तो अंदर होय।यदि उसको ही सब सौंप दिया, तो फिर काहे को रोय।। - Ankita Tripathi 17 DEC 2017 AT 16:42 आगाज ही कातिलाना है उनका अंजाम तो बस जहर होता है जब बिखरता है कलम का जादू तो हर तरफ बस कहर होता है - Ankita Tripathi 14 DEC 2017 AT 8:49 हार को जिस व्यक्ति नें हर एक पल जिया है आनें वाले कल में उसने ही जीत का रस पिया है -