वो बचपन, वो आँगन,
वो दद्दा की बातें,
वो गोदी, वो आँचल,
वो अम्मा की यादें।
वो दर, वो दीवारें,
वो पेड़ों की साखें,
वो सूरज, वो चंदा,
जो झरोखे से झाँके।
आती है यादों में,
हर वो कहानी,
वो सड़कें, वो नाले,
वो कुएँ का पानी।
वो कागज़ की कस्ती,
वही खुशियाँ थी, बस थी,
जो छोड़ा वो बचपन,
वही दुनिया तो सच थी।
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