मैं और मेरी ख़ामोशी
बस यूँ ही तन्हा बैठे रहे
वो बोली बस थोड़ी सी देर
और हम घन्टो बातें करते रहे
पूछतीं रही वो कई सवाल
सारे जवाब हम उसे देते रहे
वो बोली क्या चाँद अकेला है
मैंने कहा चाँद-तारे साथ रहें
वो बोली क्या है गीत में धुन
मैंने कहा जो गीत में रस भरते रहे
वो बोली क्या उदास हो तुम
मैंने कहा नहीं,हम दोनों साथ रहें
वो बोली क्या छुपा रहीं हो मुझसे
मैंने कहा तुम्हे,फिर दोनों बस यूँ ही हँसते रहे
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