इक शख़्स है चांदनी रात की तरह
बारिश की बूंदों की फुहार की तरह।
इक शख़्स है सर्द रातों की ठंडी बहार की तरह
पतझड़ के फूलों के झाड़ की तरह।
इक शख़्स है अम्मी के हाथों की बनी चाय की तरह
रात के सबसे मीठे ख़्वाब की तरह।
इक शख़्स है ज़िंदगी मे ज़िंदगी की तरह
तहज्जुद की नमाज़ की बंदगी की तरह।
इक शख़्स है मंदिर की आरती की तरह
फादर के चर्च की उस सादगी की तरह।
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