गलत लोगों के लिए मेरा स्वभाव तीखा है
पर सारे हरफों को मैंने तोल कर लिखा है
एटीट्यूड के नाम से खरे बनते है वो लोग
जिनका अस्तित्व इज्जत का भूखा हैं
मगर हमको तहजीब सिखाते है वो लोग
जिनका खुद का स्वभाव बहुत रूखा हैं
अपने शब्दों से गंदगी फैलाते है कुछ लोग
कोई भी अनजान नहीं वो सबने देखा है
वो पहले से ऐसे थे, किसको गलत कह दूँ
ऐसे लोगों से मिलना मेरी हाथो की रेखा है
'कपिल' जिसको ना देखो अच्छा है क्यूँकि
हर किसी के रेनकोट का चेहरा अनोखा हैं
-