मंजिलों को मन्नतों मे मांगा - संवारा नहीं करते, मुसाफ़िर बारिश में भी सड़को से किनारा नही करते । जिसके सोच मे ही खुद के सपनों का आशियाना हो, वो दूसरो के घर बैठकर दिन ब दिन गुजारा नही करते ।
Kai logo ko safar mein hi humsafar mil jate hai....... Kai logo ko manzil pe pahunch kr humsafar milta hai....... Magar hum kis safar aur manzil ki baat kare........ Hmare liye to tum hi safar ho aur tum hi manzil...
कब तक बहेगा तू हवा के साथ आज थम जा तू कुछ तूफानों के लिए कब तक चलेगा तू कांटों के साथ आज रुक जा तू कुछ गुलाबों के लिए कब तक सुनेगा तू दूसरों की कामयाबी के किस्से आज चल जा तू अपनी ही राह पर क्यों तेरी हँसी दूसरों पर टिकी आज खो जा तू अपनी ही धुन में
मंजिल मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है अभी ना पूछों हमसे मंजिल कहाँ है अभी तो हमने चलने का इरादा किया है कोशिश आखरी सासो तक करेंगे जब तक सांसे रहेगी तब तक करेंगे
जिन्हें चाहते हैं दिल से अक्सर उन्ही से दूर होना पड़ता है आ जाये याद अगर उनकी तो आँसुओं से लड़ना पड़ता है उनसे मिलने के लिए हर पल ये दिल तड़पता है फिर कैसी मजबूरी बन जाती है हमारी सिर्फ उनकी खुशी के लिए हमें उनसे दूर होना पड़ता है कैसी दुनिया है ये जहाँ हर दिन हमें अपनों से ही दूर होना पड़ता है