हमें कुछ पल का अपनापन ,
और उम्र भर का तिरस्कार नही चाहिए ,
भीख में जो मिले ऐसा प्यार नही चाहिए ।
जो हमने स्वप्न तक में नही सोचा हो
जीवन का ऐसा आकार नही चाहिए ।
हमें दिल से दी हुई ईज्जत चाहिए
किसी का झूठा सत्कार नही चाहिए ।
हमें अपनी खुशियाँ चाहिए ,
किसी का उधार नही चाहिए ।
हमें अपनी पूरी जिन्दगी अच्छी बनानी हैं
सिर्फ दो दिन का सुधार नही चाहिए ।
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