ये हिंदू ये मुसलमां सियासतदानों का है ये दुकां हरा मस्जिद तो पीला मंदिर का मकां दोनों जगह मौज़ूद हैं सर्वशक्तिमान, इक करता इबादत इक होता नतमस्तक यहां गीता का सार वहां तिलावत- ए- क़ुरआन है सबका अपना अपना ईमान हर मज़हब है सिखाता बनो इक अच्छा इन्सां कोई है एकेश्वरवाद कोई है बहु-ईश्वरवाद पर सबका मालिक एक ही है ऐ इंसान ये हिंदू ये मुसलमां सियासतदानों का है ये दुकां.