QUOTES ON #MADHUSHALA

#madhushala quotes

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23 APR 2019 AT 22:49

। मधुशाला ।

तुम जाते हो पाठशाला में,
मैं जाता हूं कविशाला में ।
तुम लेते हो दवा दर्द की दवाशाला में,
मुझे सुकून मिलता मधुशाला में ।

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10 JUL 2020 AT 12:08

इंसान की ज़िन्दगी में कुछ ऐसे भी किस्से आते हैं साहब,,,,
जो मधुशाला नहीं जा पाते, वो कविशाला की ओर जाते हैं....!!!!

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18 MAR 2018 AT 11:17

In Ishq ki galiyon se hm door hi achche the
Hr jaam aajkal Patiala ho gya hai😛

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16 DEC 2021 AT 13:11

तुम आसमां बनो तो
मैं पंछी बन जाऊं
न साहिल हो न क्षितिज़ मेरा
बन हवा तेरे संग
मैं भी उड़ जाऊं

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'इश्क का रोग'
पल भर की मुलाकात कभी जो, होती महज संयोग.
दे देती है कभी-कभी किसी को, जीवन भर का रोग.
जीवन भर का रोग, छूटना जिसका मुश्किल.
तिल-तिल कर के मारे, है ये शातिर कातिल.
है ये शातिर कातिल, न कोई चेहरा पहचाने.
कब किधर से आए, रास्ता तक कोई न जाने.
रास्ता तक कोई न जाने, फिर क्या करे उपाय?
कहाँ छिपाए खुद को, किसकी शरण में जाए?
किसकी शरण में जाए? कि यह रोग है भारी.
तन्हाइयों से, ख्वाबों से, इसकी सबसे ही यारी.
इसकी सबसे ही यारी, दवा कहीं मिल न पाये.
ओझा, मौलवी, जंतर- मंतर; कुछ काम न आए.
कुछ काम न आए, है यह रोग ही ऐसा.
लगे तो न छूटे, फूँको कितना ही पैसा.
फूँको कितना ही पैसा, या डॉक्टर बुलाओ.
रहो चाहे घर में या फिर, हॉस्पिटल जाओ.
हॉस्पिटल जाओ, या फिर बैठो मधुशाला.
इसकी नहीं दवा , पीयो कितना भी हाला.
पीयो कितना भी हाला, या उसमें डूब ही जाओ .
मिले नहीं छुटकारा, जो "इश्क का रोग" लगाओ.

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23 JUL 2019 AT 13:04

मिल जाएं सुकुन मुझे दे ऐसी हाला ताकि मैं फिर कभी लौत के ना जा शकु मधुशाला।

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11 MAR 2018 AT 22:34

पीना है मुझको साक़ी कुछ यूं
रोम रोम मेरा मधुशाला हो जाये
अलकों से लेकर रण भूमि तक
दृश्य अभिनीत निराला हो जाये

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1 DEC 2020 AT 17:24

दर्पण जब-जब मैं देखूं तो
अक्स तेरा ही पाती हूं
खड़ी सामने रहती मैं पर
तुझे देखता पाती हूं

ज्यों तुम मुझको छेड़ रहे हो
मोह पाश में घेर रहे हो
कर की अपने बना के सांकल
प्रेम में अपने बेड़ रहे हो

ज्यों कहते हो कर दो जीवित
आज अधर के प्यालों को
रह ना जाए प्यास ये बाकी
जीवन दो मतवालों को

प्रिय तुम्हारा मुख ये कंचन
सुध-बुध अपनी भूला हूं
टपक रही इन नैनों से जो
मादक मधु में खोया हूं

साकी जैसे तुम हो कोई
और मैं हूं पीनेवाला
प्यास निरंतर रहे ये जारी
खुले प्रणय की मधुशाला

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19 NOV 2019 AT 12:02

इश्क़ तुम ऐसे लिख दो
झड़ जाएँ आंसुअन की माला
अपने अश्क़ छुपाने को
चल उजाला ... मधुशाला..!
©LightSoul

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13 SEP 2019 AT 11:23

एक हाँथ में कलम है दूसरे हाथ में है हाला,
आज मन भर के लिखूँ तुझपे ए मधुशाला ।
जबसे तुझे चखा मेरे मन में उठी यही ज्वाला,
बना दूँ हर जीव तो तुझको पीने वाला ,

एक हाँथ में तलवार हो दूसरे में हो हाला ,
हो जाऊं अमर मैं पीकर मदिरा का प्याला ।
कच्ची में जो तीव्रता है,अंग्रेजी में न है वह ज्वाला,
महुआ नीचे बैठ बना डाली मैंने मधुशाला ।

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