ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती हैं , पर कहानियों ख़त्म नहीं होती ।
एक ही घर में रहते हैं , पर ज़रा सी अनबन से कहानियों शुरू होती हैं
कहानियों नहीं सुलझानी , चाहे ज़िन्दगी उलझ जाए।
बन्दा चला गया , कहानियों वहीं रह गई
सबकुछ वैसा है , ज़िन्दगी चल रही है , कहानियों बेशुमार है ।
थमा क्या ? दीवार पर लगी तस्वीर और उस पर चढ़ा हार ।।
क्योंकि वक़्त का काम गुज़रना है वो भी गुज़रता जायेगा
सिऋृफ तस्वीर पर पड़ी माला के वक़्त वो बदल दी जायेगी ।।
ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती है , पर कहानियॉ ख़त्म नहीं होती ।।।
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