कभी मिलें तो, तुझे ही सतायेंगे।
तेरा ही इश्क़, तुझे ही बताएंगे।
तेरे नैनो के रंग, तुझसे ही बतलायेंगे।
तेरी भावनाओं को, गोंद से फिर चिपकायेंगे।
तेरी नमी फूलों के हवाले करते जा,
तू समझकर ओस से ही हम खुश हो जायेंगे।
रुक ज़रा तेरे चेहरे को आँखों में भर लूं,
फिर क्या पता तेरी झलक के लिए तरस जाऐ?
तू कभी ना मिले, फिर भी तुझे ही चाहेंगे।
मेरी पूरी ज़िन्दगी, सपना मानकर भूल जाएंगे।
शायद अब हम,
फिर कभी ना मिल पाएंगे।
शायद अब हम,
फिर कभी ना मिल पाएंगे।
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