.....जिंदगी में क्या रहे जाएगा...
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ये जिंदगी तो तुमसे थी मेरी ,अब जो तुम
हो ही नहीं तो जिंदगी में क्या रहे जाएगा ,
समां बांधा था आकर जिंदगी में मेरी ,जो अब हो
ही नहीं तो महज़ दूरियों का सिलसिला रहे जाएगा ,
ये दायरा बढ़ा इस कदर इनकार का , टूटी जो
सरगोशियां ये अगर इकरार कि ,तो फासला रहे जाएगा ,
तपिश बढ़ाया तुमने मोहब्बत की , बुझा अगर ये
अहसास कभी ,सब राख बनकर रहे जाएगा !!
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