प्रेम मे अक्सर हमारे पास
रह जाती हैं कुछ अधूरी चीजें
कुछ अधूरी बातें, कुछ अनकहे ज़ज्बात
कुछ कच्चे रिश्ते, कुछ अनसुलझे हालात
कुछ वादे जो आधे रह गए
कुछ किस्से जो अनकहे छोड़ दिए
कुछ शिकवे जो कुंठा बन गयी
और कुछ उम्मीद जो धुंधली हो गयी
कुछ रंज ऐसा की दुनिया हिल जाए
और सब्र से मानो, चुप्पी सी छाए
कुछ चुभन बात विवाद की
कुछ वचन हमेशा 'साथ' की
कुछ रूठना, मन चिढ़ाकर
और मनाना दिल-ओ-जाँ लुटाकर
कुछ मिथ्या मन की गढ़ी हुयी
कुछ संशय संसार के
कुछ अधूरे दिल के ज़ख़्म
और अधूरे - आधे से हम
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