आज हवा है कल पानी होगा, सम्भल जाओ, वर्ना अंजाम बुरा होगा। निपट भी जाए इस महामारी से, तो क्या भरोसा ऐसा दोबारा ना होगा। न ललकार प्रकृति को ए - इंसान, वो रूठ गयी तो मनाना मुश्किल होगा। आज हवा है तो शायद कल पानी होगा।
”“ Ek आर्टिस्ट me puri duniya समाहित hoti hai “” Ek आर्टिस्ट se ज्यादा प्यार कोई ni kar sakta hai “” Ek आर्टिस्ट हमे महसूस करवा sakta hai ki pyar kya ha