✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 9 AUG 2021 AT 19:47 जो निकले है छोड़ के अपना घर कमाने को।वो ही जानता है करीब से इस जमाने को।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 3 MAY 2021 AT 9:40 आज भी डांट दे वो मुझे ग़ालिबइतना हक बाकी है उसका।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 29 APR 2021 AT 8:06 मेरी ख्वाहिशों के कच्चे मकान।तेरी ऊंची हसरतों से कब्रिस्तान हो गये।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 10 MAY 2021 AT 18:58 शानो शौक़त से रुतबा जो दिखाते हो ऐ अमीरे इंसान जाना तो तूने भी उसी श्मशान है जहां हम जायेगे।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 15 JUL 2021 AT 15:05 शानदार घड़ी थी उनकी कलाई पर साहिबमैनें वक़्त पूछा पर उन्होंने कहा नही है मेरे पास - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 16 FEB 2021 AT 22:51 मैं किराएदार सा उसकी जिंदगी मेंवो मेरी जिंदगी में मालकिन जैसे - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 5 MAY 2021 AT 10:56 सारी रात जागते रहे जिसके लिए हम मुर्शद।वो किसी ओर के साथ सोते रहे चैन से।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 7 MAY 2021 AT 19:50 काश के ऐसा होता ग़ालिब।उसकी माँग में सिंदूर मेरे नाम का होता।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 15 MAY 2021 AT 0:08 भाई भाई लड़ रहे थे जमीन जायदाद के ऊपरकिसी ने नही जाना उस माँ के हिस्से हो रहे थे।। - ✿ 🅻🅾🆅🅴 🆅🅸🅱🅴🆂✿ 22 NOV 2020 AT 12:54 कुछ किस्से क्या पड़े रूहानी मोहब्बतो के ग़ालिबआज फिर लिखने बैठ गया। -