😓 किसे बताऊं अंदर में क्या चल रहा है डॉक्टर भी हैरान है यहां! और मेरे लिए कहां आॉक्सीजन और बेड पड़ा होगा? किसे बताऊं की अंदर घुट-घुट कर शायद कुछ मर रहा है कुछ भी अच्छा नहीं लगता अब फिका-फिका सा सब लग रहा है दूसरों के लिए जी कर मरने में दर्द नहीं हुआ कभी पर आज खुद के लिए मर कर अपनों के लिए जीने का बहुत मन कर रहा😑 शायद मेरा शरीर मर रहा है अब मुझसे रूठ कर जाने की जिद कर रहा है
Kisi अंजान ko कुछ Pal me अपना bana लेता h.... चंद Mulakaato में Janmo साथ Jine Marne ki ख्वाइश kar लेता h.... किसी k DARD ki वजह banta हैं to किसी k DARD को apna बना leta हैं ..... कभी kisi ko खोकर ROTA हैं to आँसू छिपा kar HASH bhi लेता h.... आज bhi वक़्त - बेवक्त ushe याद kar लेता h... ये "DIL BECHARA" कई yaade ख़ुदी me समेट leta हैं ....