गांव गांव दीपोत्सव है,शहर सजे है जगमगाते उजियारो से,
मेरी अंखिया उसके ढूंढे जो नही है रोशन इनके उपकारों से,
वो अंधियारों में भी जगमग है ,
वो तो अंधियारों में भी जगमग है, क्या गजब का उसका नूर है,
सारे जहाँ में एकमात्र वही वास्तविक कोहिनूर है,
#परमात्मा #
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