अकेलेपन से यूँ अपने ना डरा कीजिये,
अपने हौसले को डर से बड़ा कीजिये,
मान लेना हार तो विकल्प ही नहीं है,
आख़िरी सांस तक बस लड़ा कीजिये,
लड़खड़ाता है मन हर किसी का यहाँ,
आप अपने पैरों पे उसको खड़ा कीजिये,
टूटते हैं तारे अक्सर ही दुआओं में पर,
आप दुआओंं से सितारें जड़ा कीजिये,
चाहोगे तो राहों से पर्वत भी हट जायेंगे,
आप ज़िद भरके आँखों में अड़ा कीजिये!
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