ज़िंदगी ने जब पूछा कि हम कौन हैं,
हमने हँसते हुए कहा कि हम वही हैं जिसने हमें जाना,
ज़िंदगी ने फिर पूछा कि जिसने तुम्हें जाना तो क्या जाना,
हमने कहा जिसने हमें जाना वह अपने स्वरूप से जाना,
ज़िंदगी ने हँसते हुए कहा जिसका जैसा स्वरूप है वह सामने वाले को वैसा ही समझ लेता है,
इस बार हमने ज़िंदगी से पूछा कि हमारा स्वरूप क्या है,
जिंदगी ने कहा तुम्हारा स्वरूप वही है जो जीने की वजह बना दे,
जीने की वजह जो तुम्हें एहसास दिलाए कि तुम ही ज़िंदगी हो।
-वृतिका
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