छोडी कहाँ वो रखकर तुमने हंसी
फिर औढी कभी क्यों नही
लिपिस्टिक के रंगो सी भी नही
कुछ अलग थी तुम्हारी वो हंसी
बताओ कहाँ है तुमने छोडी
माना यूँ तो जेब में मेरे नही हे फूटी कौड़ी
मगर फिर भी कोशिश है मेरी पूरी
लौटा दूंगा देखना तुम्हारी वो हंसी
उतनी भी महंगी है नही
बहुत सस्ती थी मेरी वो हंसी
इतनी सस्ती कि फिर बिक ही गई
अब तो लेती हूँ लिपिस्टिक का सहारा मै भी
मगर तुम अपना बताओ
इस भीड मे तुमने कैसे नोटिस कर ली
मेरी वो हंसी
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