मैं लिखू तो क्या लिखूं, हर रिश्ते ने मुझे सताया है,
हर कसम हर वादा झूठा है, यहां तक कि हर अपना भी पराया है,
मैं लिखू तो क्या लिखूं, हर रिश्ते ने मुझे सताया है,
अक्सर कहते थे जो लोग कि तु बोल तो सही हम कर देंगे,
उन्हीं लोगों ने मुझे बहुत रूलाया है,
जिन्दा हूं तो सिर्फ मर जाने के लिए,
भरोसा तो मुझे अपनी रूह पर भी नहीं अब,
न जाने किस पल मुझे इसने भी कर देना खुद से पराया है
मैं लिखू तो क्या लिखूं ,हर रिश्ते ने मुझे सताया है
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