अभी भी प्यार है तुमसे, बस अब तुमको दिखाता नहीं हूँ।
तुमने एक दिन कहा था मैं बहुत ही ज़्यादा बुरा इंसान हूँ।
इसलिए अब चाह कर भी मैं तुम्हारे सामने आता नहीं हूँ।
हाँ, ये सच है मैं तुम्हारा हूँ, तुम्हारे बिन रह नहीं पाता हूँ।
दिल नासमझ समझता नहीं, मैं इसे फिर भी समझाता हूँ।
इश्क एक दरिया है एहसासों का मैं इसमें डूबता जाता हूँ।
तेरी यादें आती हैं बारहा जान-ए-जां मैं इसमें खो जाता हूँ।
तुझपे मरता रहा ताउम्र, अब तेरे इंतज़ार में जीता जाता हूँ।
तुमने कहा मैं तुम्हारे लायक नहीं, ख़ुद को लायक बनाता हूँ।
हर रोज़ आता हूँ तेरे शहर में, पर दहलीज़ से लौट जाता हूँ।
तेरी तलब है मुझको बेइंतहा, सो तुझको ख़ुद में पाता हूँ।
जो हो रहा है अच्छा है, पर क्या है ये मैं समझ नहीं पाता हूँ।
साँसों की गिरहें बन रही है तेरे बिना, मैं उनमें उलझ जाता हूँ।
जिन गलियों में साथ गुजरे थे, मैं उनमें अक्सर तुझको पाता हूँ।
घर का एक-एक कतरा तेरी मौजूदगी का गवाह हैं मेरे से ज़्यादा।
घर में तेरा है सब कुछ, मैं बिन तेरे कुछ भी छू नहीं पाता हूँ।
ये "अभि" तो ऐसा नहीं था जैसा हो गया, समझ नहीं पाता हूँ।
तेरा ही हूँ मैं "जान" बिन तेरे बस ज़िंदा हूँ जी नहीं पाता हूँ।
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