बड़ा ही बेढंग सा है रास्ता जाहिर,
कभी मोड़ पर हसाता है,
तो कभी किसी मोड़ पे रुलाता है।।
रास्ते में कहीं गहरे से गद्दे है,
तो कहीं मखमली से रज़ाई।।
कभी रेड लाइट पे भी भगा दिया जाता है,
तो ग्रीन लाइट पे रोक भी दिया जाता है।।
कभी कभी हाईवे से भी मुलाकात हो जाती है,
जो घंटो का सफर चंद लम्हो में करा देती है।।
लेकिन तंग रास्तो से मुलाकात जायदा होती है,
जो चंद लम्हो का सफर घंटो में कराती है।।
लेकिन रास्ते बनाने वाले की तारीफ है ज़ाहिर,
हर रास्ता अपनी मंजिल तक पहुंचा जाती है।।
बस एक ही परेशानी है जाहिर,
रास्ते में चौराहे बहुत आ जाते है,
जो अपना रास्ता भटकने का काम कर जाते है।।
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