अगर सही मायने में देखा जाए तो कुछ भी कठिन नहीं है इस दुनिया में, वह केवल हमारे खयालात और विचार हैं जो उन्हें कठिन बना देते हैं। हम मनुष्य मेहनत से डरते हैं, असफलता से डरते हैं, लोगों के तानों से डरते हैं समाज क्या कहेगा से डरते हैं, हम कभी अपनी खुशी के लिए जीते ही नहीं है हम जब भी सोचते हैं दूसरों के बारे में ही सोचते हैं। दूसरों को ध्यान में रखकर ही हम अपने बारे में सारी चीजें सोचते व करते हैं और इन्हीं सब कारणों से हम कभी भी अपने साथ न्याय नहीं कर पाते हैं।
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