उम्मीद तो है मैं जिंदा रहूंगा,,
मेरे दिल की वफा से ये कहता रहूंगा..
उसको मंजूर नहीं मेरे ख्वाबों में आना,,
उसकी खुश्बू लिए इस दरिया में बहता रहूंगा..
वो चाहे समझे मुझे बेगैरत या चाहे कहे मुझे अवारा जहा का,,,
उसकी यादों की डगर में, मैं बहकता रहूंगा.
किसी और की बाहों में सिमटी है आज वो,,
ख़ैर उसकी रूह को अपना मानकर मैं जिंदा रहूंगा.....
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