QUOTES ON #LATENIGHTTHOUGHTS

#latenightthoughts quotes

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16 HOURS AGO

Leaving my arms, disarmed,
you perished like a mortal petal,
on immortal earth cover, forever!

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23 MAR AT 8:57

Once again, I asked myself what's going on. What am I doing? 

Next morning, the salary get credited, and I forget the "What?"

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22 MAR AT 4:42

Life becomes easy when we start observing and stop judging. 

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21 MAR AT 5:29

तेरी हँसी, जैसे चांदनी चांद की,
तेरी चहक, जैसे चमक आसमान की,
तेरी शरारत, जैसे पर्वतों से उलझती हवा,
तेरी खुश्बू, जैसे मिट्टी में सिमटती घनघोर घटा,

तेरे खिले चेहरे से खिले मेरे दिल का कमल
तेरे आंखों में है, मेरे ख्वाबों का महल,

तू हँसे और हँसती रहे,
तू खिले और चमकती रहे,
तू जिए जिंदगी किसी राग की तरह,
तू ही कली, है तू ही अप्सरा।।

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19 MAR AT 0:02

चाहे सार में लिखता हूं,
चाहे विस्तार में लिखता हूं...
बस तुम... तुम और सिर्फ तुम
तुम्हारे प्यार में लिखता हूं।

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18 MAR AT 23:27

आज फिर नींद का साथ नहीं है क्या
आज फिर सपनों से मुलाक़ात नहीं है क्या
यूँ सिमट कर लेटे हो कंबल में
आज फिर तकिये से ही बात हुई है क्या

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18 MAR AT 3:48

Neither you can pour from an empty glass nor
you can pour from a full glass. I have nothing good left in me to give. And I am already full to empty myself without creating a mess. Tell me what to do?

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17 MAR AT 1:49

Kash koi toh suune wala hota
Kask koi toh unljhano ko suljhane wala hota
Kash koi toh samjhne wala hota
Kash koi toh sahi rasta dikhane wala hota..........

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उनकी आंखों में मुझ से फरेब का इरादा साफ नजर आता है,
फिर उन मासूम आंखो को नजर भर देखकर दिल भर आता है।

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1 MAR AT 22:41

क्या ही भविष्य की सोचूंँ मैं,
जब जीने की ही चाह नहीं।
मैं हूंँ तलाश में मृत्यु की,
कल की है मुझे परवाह नहीं।।
उद्दंडता कहो चाहे फिर,
कहो बेफिक्री मेरे मन की।
पागलपन भी कह सकते हो,
कह सकते इच्छा नियति की।।
मैं नहीं सोचता आगे की,
बस जीवन जीता जाता हूंँ।
सुख - दुख में, हर्ष - विषाद में भी,
मैं एक समान मुस्काता हूंँ।।
है क्या भविष्य में नहीं पता,
मैं क्यों चिंतित हूं, सोचूंँ कुछ।
मैं अपना कर्म में लगा रहूंँ,
देखेंगे आगे हो जो कुछ।।

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