तेरी हँसी, जैसे चांदनी चांद की,
तेरी चहक, जैसे चमक आसमान की,
तेरी शरारत, जैसे पर्वतों से उलझती हवा,
तेरी खुश्बू, जैसे मिट्टी में सिमटती घनघोर घटा,
तेरे खिले चेहरे से खिले मेरे दिल का कमल
तेरे आंखों में है, मेरे ख्वाबों का महल,
तू हँसे और हँसती रहे,
तू खिले और चमकती रहे,
तू जिए जिंदगी किसी राग की तरह,
तू ही कली, है तू ही अप्सरा।।
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