QUOTES ON #LABOURDAY

#labourday quotes

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1 MAY 2020 AT 10:31

के भटक रहे हैं आज जो,
ये मज़दूर दर-बदर
फिर शायद न लौट पायेंगे,
रोटी के लिए शहर ।

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1 MAY 2020 AT 14:36

ना जाने उनकी आंखे,
किस कदर रोई होंगी।
जिन मजदूरों की औलादें,
रातभर भुखी सोई होंगी।

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14 MAY 2020 AT 19:28

मजदूर क्युँँ मजबूर:-

दुनिया का घर मैंने बनाया,
फिर क्यु घर से दूर हुँ मै,
ठेस दिया क्या तुमको भगवन,
या क्युकी मजदूर हुँ मै,

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14th may 2020

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1 MAY 2020 AT 16:51

शब्दोँ की माला से उनका अभिनंदन है
मेरे देश के मजदूरों को मेरा बंदन है,
जिनके कन्धे पर भार देश का,
जो अर्थव्यवस्था के एक कड़े हैं,
जिनके दम से कल कारखाने चलते,
जिनके हाथों से फसल खडें हैं,
औरों के घर की रौनक, जिनके हाथों से आता है,
गाँव शहर या महानगर हो, सब उनको भाता है,
उनका भी परिवार है, प्यारा सा संसार है,
कहीं छोड़ कर आये हैं, उनका भी घरबार है,
भाषा मे मर्यादा रखे, अपना थोड़ा प्यार जताए,
उनको भी सम्मान चाहिये, जिसके वो हक़दार हैं,
देश के सभी मजदूरों को मेरा बंदन है,
शब्दों की माला से उनका अभिननदं है..🙏
#Happy Labours Day



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1 MAY 2020 AT 17:41

Yeh Majdoor nahi,
Majboor hai!





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1 MAY 2020 AT 19:32

बेबस मज़दूर इस वबा से मारा जाए, या फिर फ़ाक़े में मारा जाए,
ऐसे हालत में उनकी चाहत है के, वह अपने इलाक़े में मारा जाए !!


بے بس مزدور اس وبا سے مارا جائے,یا پھر فاقے میں مارا جائے..
ایسے حالات میں ان کی چاہت ہے کہ,وہ اپنے علاقے میں مارا جائے !!

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1 MAY 2020 AT 12:08

अजीब परिंदा है अपनी मज़दूरी पर नाज़ करता है,
वह शहर-दर-शहर रोटी के लिए परवाज़ करता है !!


عجیب پرندہ ہے اپنی مزدوری پر ناز کرتا ہے،
وہ شہر در شہر روٹی کے لئے پرواز کرتا ہے !!

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1 MAY 2019 AT 20:02

जो जनवरी में भी पसीने से लथ-पथ रहता है,
आज उस पेशानी पर मज़दूर लिखवा आया हूं !!


جو جنوری میں بھی پسینے سے لتہ-پتہ رہتا ہے..
آج اس پیشانی پر مزدور لکھوا آیا ہوں !!

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1 MAY 2020 AT 7:13

Every person has the right to choose his profession of his choice. A person should never be discriminated on the basis of his occupation.

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1 MAY 2020 AT 23:59

न जाने कितनी "यादें" ढ़ोती अपने कंधों पर

डायरी भी तो 'एक मजदूर' ही है ना साहब !

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