मैं मुसकुरा कर दर्द को छुपाने की कोशिश.. बार -बार करता,, वो मेरे आंसुओं को तालाश ने की कोशिश बार- बार करती। शायद उसे मुझसे नहीं मेरे आंसुओं से मौहब्बत है।।
बाबुल की बुलबुल जैसी, और भैया को प्यारी लड़की एक सफर को छोड़ अधूरा, नए सफ़र पर जा रही लड़की जादूगर को प्राण सौंप, बिन लिए विदा ही फुर्र हो गई जादूगर के हर करतब पे, पड़ गई कितनी भारी लड़की
स्वाभिमान की ढाल से जब तिरस्कार टकराएगा अहम की अस्मत बच जाएगी तू गणतंत्र कहाएगा प्रतिकूल धाराओं में तुम ज्ञान की ले पतवार चलो संविधान से बन सशक्त तुम सागर के उस पार चलो।
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