क्या फर्क पड़ता है?
क्या फर्क पड़ता है -"मेरे हसने से या मेरे रोने से,
मेरे होने से या ना होने से"!
क्या फर्क पड़ता है-" मेरे कहने से या ना कहने से,
तुम्हारे सुनने से या ना सुनने से"!
क्या फर्क पड़ता है- "तुम मुझसे दूर हो या मेरे पास,
तुम मेरे हो या और किसी के खास"!
क्या फर्क पड़ता है- "तुम्हारे बात करने से या ना करने से,
तुम्हारे याद करने से या ना करने से"!
बस फर्क पड़ता है तो तुम्हें खोने से या तुम्हें किसी के होने से!!
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