QUOTES ON #KP

#kp quotes

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11 DEC 2019 AT 17:52

एक किताब..... कई मुकाम

दुकान
मंच 
महफ़िल
सम्मान
पुरस्कार 
हाहाकार
से उतर कर जब वो किताब हमारे
शेल्फों 
दराजों 
आंखों 
होठों 
हथेलियों
सीनों
सिरहानों से मन तक पहुंचती है  ....
बस उसी रोज़ वो छपती है ।

किताब पायदान चढ़ना उतरना जानती है।

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12 OCT 2019 AT 17:37

In The World Full Of Derivative
Be Someone's Integral...❣️

In The World Full Of Variable
Be Someone's Constant...❣️

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20 JUN 2017 AT 18:02

ना तुम मुझे इन वादों में मिले
ना उन दावों में मिले

तुम मुझे यूं ऐसे ....कैसे से मिले ?

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15 JAN 2017 AT 14:16

अरे मानिये मेरी बात....
ये" इश्क़ वाला चाँद" है
रौशनी वाला तो कागज़ पर बनता है

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6 OCT 2018 AT 18:51

जिंदगी में अगर कुछ बनना चाहो
वो पानी से भरा हुआ गिलास बनो

जो खाना खाने के बाद सुकून से प्यास बुझाती है।।

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28 SEP 2020 AT 9:11

तेरी बातों में ही उलझी रहती हूँ,तुम तक कैसे पहुंचूं मैं
तुम करते हो बहुत सी बातें, अब उनको कैसे समझू मैं.

जोड़ा लिया है तुम्ही से हमने,दिल से दिल के रिश्ते को
आँखों में बसेहो तुम,बस तुमको ही मन से अब चाहूँ मैं

खामोशियों से लिपटे हुए है, मेरे हर एक अल्फ़ाज़ जो
उसको बोलकर जुबा से,सबकुछ कैसे तुझे बतलाऊँ मैं

बातें करती हूँ मैं तुझसे, बस अहसास लिख- लिख कर
तुम्हारी आदतों पर लिखना ही, अब कैसे भूल जाऊं मैं

महज तुझको ही निहारते - निहारते ढलता है दिन मेरा
अब इसको पन्नों में लिखा कर, तुमको कैसे दिखाऊं मैं

ख्यालों में तेरे ही मैं, डूबी- डूबी सी रहती हूँ आज कल
इतना बता दे तू, तेरे दिल से दिल को, कैसे मिलाऊँ मैं
Ayushi Shukla 🥀

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28 SEP 2020 AT 9:02

बातों से तेरी मेरा, मन नहीं भरता है
तेरी ही बातें सुनने, का जी करता है

जब तेरी बातों को याद मैं करती हूँ
तो तुझमे ही खोनेको दिल करता है

ये दिल मेरा तब मचल सा उठता है
जब बातोंमें तू हमे अपना कहता है

तुम्हे मैं हांथों से, लिखूं या ना लिखूं
इस दिल में बस एक, तू ही रहता है

तुझसे तो मैं,कुछ कह नहीं पाती हूँ
तुम से दिल लगाने को जी करता है

दिन गुजरता है तुझसे बातें करने में
फिर भी तुमसे, ये मन नहीं भरता है

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8 JAN 2017 AT 21:03

सोचती हूँ.....

कभी कभार शब्दों की हामी को पढ़ने से बेहतर

मैं अक्सर वाली "खामोशियों की ब्रेल" पढ़ना सीख लूँ

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2 JAN 2017 AT 10:49

अबकी....
कद और हद
दोनों बढ़ा के देखेंगे
ज़िन्दगी....
तुझे थोड़ा और करीब आकर देखेंगे

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27 SEP 2020 AT 22:04

हाँ..!जज्बात लिखती हूँ मैं अपने
अब क्या सब अहसास बता दूँ मैं

दिल में हमेशा, रखती हूँ तुझे बस
अब क्या तुझेसब साफ़ बता दूँ मैं

खामोशियां मेरी तो सब बोलती है
अब क्या तुझे, हर बात बता दूँ मैं

बस एक तू ही बसा है रागो में मेरे
अब क्या तुझे सबकुछ जता दूँ मैं

आँखोंमें तुझको ही छुपाया है मैंने
अब क्या तुम्हे नज़रें, दिखा दूँ मैं

दिल्लगी की डोर तुम से बंधी मेरी
अब क्या दीदार,करके दिखा दूँ मैं
Ayushi Shukla 🥀

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