आँखों में ज़रा ऊँचे ख्वाब रखती हूँ,
ज़ुबा पे लिहाज़ का स्वाद रखती हूँ,
यकीन मानो!...होंठो पे सच्ची मुस्कान रखती हूँ!!
सच्चाई की आदत है,इसलिए बहुतों को खुद से नाराज़ रखती हूँ!!
रहूँ मैं चाहे कहीं भी......
दुआएँ माँ-बाप के,अपने साथ रखती हूँ!!
इश्क़ करना सीखा नहीं...बस...
लबों पे नाम अपने खुदा का
और दिल में हिंदुस्तान रखती हूँ!!!
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