तेरे सुर्ख होंठो से जो भी अल्फाज़ बयां होते होंगे तेरी तरह वो खूबसूरत बेहिसाब बेइंतहा होते होंगे __ थम जाता होगा वो आईना वही उस पल में उस खुशनसीब आइने को तेरे दीदार जहा होते होंगे __
मेरे दिल का हसीन ख़्वाब हो तुम मेरे सारे सवालों का जवाब हो तुम__ मैं जितना और जब तक लिखू तुझ पर जो भरती नही मोहब्बत की वो किताब हो तुम__ मेरी ज़िंदगी को कुछ यूँ महका दिया है तुमने यकीनन एक हसीन ग़ुलाब हो तुम __
बातें खूबसूरत थीं, और सूरत भी लाजवाब थी। नशे में चूर हो गया, आँखें उसकी शराब थी।। चलो अच्छा हुआ, जो नशा उतर गया उसका। अच्छी तो बहुत थी, पर सेहत के लिए खराब थी।।
Wo Sayad Bhot Khoobsurat Hai Jise Maine Kabhi Dekha Hi Nahi Wo Bhot Bolti Hogi Lekin Use Maine Kabhi Suna Hi Nahi Pyar Ho Gaya Mujhe Usse Sirf Uss Chehre Ko Dekhna Hai Jise Maine Kabhi Dekha Hi Nahi Wo Khawab Hai Mera Jise Haqiqat Me Mai Kabhi Mila Hi Nahi
Khoobsurati ki khushboo.. kahi bikhar si gayi hai.... Bindi ki chamak thodi dhal si gyi... Hai Hothon ki hansee thodi dab si gyi hai... Kya ye mohabbat ab... Kam si gyi hai...