चलता रहा मैं रात भर बस तेरी ही तलाश में मिल जाए तू कहीं भी बस इतनी सी आस में पूछूँ मैं तुझसे बात ये कैसी खता मुझसे हुई क्यों छोड़कर मुझको तू जाकर किसी और की हुई
ऐसी खता से अच्छा है की तुम मुझे सजा दो इस बेरुखी की तुम मुझको ही वजह दो अगर ना लानी हो होठों पे हँसी अपने तो ना सही पर इस दिल के खातिर बस अपने दिल से ही मुस्कुरा दो !
तुम मेरी न हुई तो इसमे ख़ता क्या थी तुम्हारी सब कुछ जानते हुए भी तुमको टूट के चाहा, बस यही गलती थी हमारी अब गुजारता नहीं तुम्हारी यादों के सहारे जिंदगी तुम चली आओ या फिर यादें चली जाये तुम्हारी!!
معاف تیری ہر خطا اگر تو لوٹا دے میری وہ حسین عمر جوگنوا دی ہم نے اےصنم تیرے لوٹ آنے کے انتظار میں Maaf Teri har khata agar tu louta de meri woh haseen umar Jo gawa di ham ne ai sanam Tere lout aane ke intezar me ✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی