कौन जाने के किसे खबर लग गई है
हमारे रिश्ते को किसी की नजर लग गई है
रिवायतन फासला ही बचा है दरमियाँ
आदतन ये कुर्बतें भी सफर पर गई हैं
दोनों इसी तवक़्क़ो में है कोई तो बोले
ये क्या दिलों में उदासी घर कर गई है
सू-ए-दार की जानिब चल पड़े है हम भी
जब से सुना है वो मेरे गम में मर गई है
क्या खबर इन हसीं अशआ'र का सबब कौन है
जिस एक शख़्स पर इतनी ग़ज़लें बन गई हैं
तुमनें मोहब्बत में अना को तरजीह दी है 'समर'
फिर मत कहना वो लड़की आगे निकल गई है
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