कल रात जब उनसे मुलाकात हुई
खुशियों की पैदाइश, ग़मो की वफात हुई।
कल रात कुछ खास बात हुई।
खामोश थे लब हमारे, ना वो बोले कुछ
बस आँखों से आँखों की बात हुई।
कल रात कुछ खास बात हुई।
ना हमने छुआ उनको ना उन्होंने हमें
फ़िर भी ख़्वाहिशों की बरसात हुई।
कल रात कुछ खास बात हुई।
चाँद पंडित था, सितारे बाराती
गवाह बने पूरी काएनात अपने साथ हुई।
कल रात कुछ खास बात हुई।
यूँ गंधर्व विवाह संपन्न हुआ अपना
यूँ कुछ खास ये रात हुई।
कल रात कुछ खास बात हुई।
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