घर घर की कहानी एक सी
हर घर का एक ही रोना
बेटियो को समझे पराया धन
और बेटो को राज पाट का मालिक
पर बहु के आते ही हो जाये बेटा
पराया
माँ बाप को ही कर दे घर से वो पराया
जिन बेटियो को समझा था पराया
वो ही आये काम
वो ही अपना सुख त्याग कर
माँ बाप के प्रति फ़र्ज़ निभाये
घर घर की है ये कहानी
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