QUOTES ON #KATGHARA

#katghara quotes

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18 FEB 2021 AT 7:49

मोहब्बत का कोर्ट...👩‍🎓👨‍🎓

सोचता हुँ आज कोई अखबार निकाला जाये..!!
उनके सारे मोहब्बत का हिसाब निकाला जाये..!!
ज़रा पता चले ज़माने को भी, कितना दम था उनकी मोहब्बत में..!!
इसलिए सोचता हुँ, उनको भी, एक बार कटघरे में उतारा जाये..!!

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28 FEB 2021 AT 15:39

पत्नी, पति के कदमो पर चले
उसकी खुशी में ही खुशी ढूंढे वही उसका संसार है
धर्म कहता है....

माँ त्याग की मूरत होती है
बच्चे ही उसका संसार है
धर्म कहता है....

बेटी सदैव मर्यादित रहे
परिवार ही उसकी दुनिया है इसी में उसका कल्याण है
धर्म कहता है....

और जो जी ले नारी दो पल अपने लिए
तो क्यों वो गलत है वो समाज के लिए अभिशाप है
अधर्म है...

ऐसा क्यों.....?

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19 JUL 2017 AT 22:22

Katghare me unke pyaar ne khada kiya,
Toh humne pyaar se khud ko rihaa kiya...
Kyuki jis ko gawahi ki zaroorat pade,
Wo sachha pyaar tha hi nahi...

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9 JUL 2017 AT 20:55

Likh-likh kr apne daaman pe lage daag saaf karta hun
Bahut ilzam lage hain ishq k katghare me, likh kr khud k saath insaaf karta hun...

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19 JUL 2017 AT 22:01

Katghara is Actually a Place where Truth is Told,
But now a Days its a Place where the Truth is Sold.
People now come and Tell Lie,
For this Innocent People has to Die.
Everyone has Forgotten the Real Aspect.
But we Should All Show The Khatghara Some Respect.

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17 DEC 2020 AT 6:58

गुनाह नहीं था मेरा ,
मगर गुनहगार मैं ही था !
आरोप भी नहीं था मुझ पर ,
फिर भी कटघरे में मैं ही था !
सजा हुई एक गवाह की गवाही से ,
सच बताऊं तुमको वो गवाह भी मैं ही था !!

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14 JUN 2020 AT 11:00

कसूर मोहब्बत का था कटघरे में ज़िन्दगी खड़ी थी,
मुजरिम वही था जिसके लिए दीवानगी सर चड़ी थी।

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11 APR 2021 AT 14:44


कोई ख़ातिर ज़िन्दगी की दुआ सुबह-शाम करते हैं,
इसी ऐजियत ज़िन्दगी को हम क़त्ल-ए-आम करते हैं।

ग़ुज़र नहीं सकता जब दो पल ख़ुशी की,
फिर इस ज़िन्दगी की क्यों सब गुमान करते हैं।

हर तरफ चर्चा है बाज़ारों में खुशफहमी की ,
होकर मशहूर फिर इसको ही बदनाम करते हैं।

हर रोज़ तो अदालत का चक्कर काट नहीं सकते,
बेवज़ह भीड़ में ख़ुद का नुक़सान करते हैं।

इंसाफ की तलब में कटघरे में खड़े हैं जो
अदालत उसी से ही कागज़ी फ़रमान करते हैं।

मानों उस भीड़ में वक़ार की कोई अहमियत नहीं,
वो हैं कि ख़ातिर इज़्ज़त की कोशिश तमाम करते हैं।

कानून अँधा है और अदालत भी है बहरी,
खा-म-खा अहमियत देकर सब उसकी पेहचान करते हैं

Shabana khatoon





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21 NOV 2020 AT 21:05

कटघरे मे आ पंहुचा वो क़त्ल करके,
ज़माना उसे मायूस समझ बैठा था..

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19 AUG 2019 AT 1:07

jab suljhi hui duniyaa se hatke kuch lafz pesh karenge to kya use mujrim ke katghare mein khada karoge ???

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