तेरे बाद, जिंदगी को यूँ ही ज़ाया करते हैं,
तुझ को याद करते हैं और मुस्कुराया करते हैं..
ढूँढा करते हैं यूँ जिंदगी के उलझने का सबब,
हर इल्जाम मन ही मन तुझ पर लगाया करते हैं..
हर खुशी में अब इन आँखों से लुड़कते हैं आँसू,
जाने किस ग़म की कसक को हम छुपाया करते हैं..
महसूस करना हो कभी जो जिस्म को तेरी छुअन,
बाग़ में किसी खिलती कली से लिपट जाया करते हैं..
तेरे बाद, ज़िन्दगी को यूँ ही ज़ाया करते हैं..
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