QUOTES ON #KARMYOG

#karmyog quotes

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16 MAY 2022 AT 18:07

मन समस्त इन्द्रियों के कार्यकलापों का केन्द्रबिन्दु है, अतः जब हम इन्द्रिय-विषयों के संबंध में सुनते हैं तो मन इन्द्रियतृप्ति के समस्त भावों का आगार बन जाता है। इस तरह मन तथा इंद्रियाँ काम की शरणास्थली बन जाते हैं। इसके बाद बुद्धि ऐसी कामपूर्ण रूचियों की राजधानी बन जाती है। बुद्धि आत्मा की निकट पड़ोसिन है। काममय बुद्धि से आत्मा प्रभावित होता है जिससे उसमें अहंकार उत्पन्न होता है और वह पदार्थ से तथा इस प्रकार मन तथा इन्द्रियों से अपना तादात्म्य कर लेता है।

~ कर्मयोग (भगवद्गीता)

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18 MAY 2022 AT 16:27

योग्युक्तो विशुद्धात्मा विजितात्मा जितेंद्रियः।

सर्वभूतात्मभूतात्मा कुर्वन्नपि न लिप्यते ।।


भाव:- जो भक्तिभाव से कर्म करता है, जो विशुद्ध आत्मा है और अपने मन तथा इन्द्रियों को वश में रखता है, वह सबों को प्रिय होता है और सभी लोग उसे प्रिय होते हैं। ऐसा व्यक्ति कर्म करता हुआ भी कभी नहीं बँधता।


~ कर्मयोग; कृष्णभावनाभावित कर्म (भगवद्गीता)

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6 MAY 2022 AT 16:32

नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मणः।

शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मणः।।


अर्थ :- अपना नियत कर्म करो, क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है। कर्म के बिना तो शरीर-निर्वाह भी नहीं हो सकता।

~ कर्मयोग (गीता विचार)

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8 FEB 2018 AT 8:32

शब्द गुरु है
विचार शिष्य
कर्मयोग के संयोग से , बनता भविष्य ।

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4 OCT 2020 AT 11:38

कर्म इंसान को छोटा या बड़ा नहीं बनाते,
वरन् कर्मों के प्रति इंसान की सोच,
दूसरों की दृष्टि में..,
उसे छोटा या बड़ा अवश्य बनाती है...! 🙏

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We talking to Krishna
in paradise 😂

Krishna- क्या किया तुमने पृथ्वी लोक पर जाकर..?

Me- सबसे पहले तो ये बताओ आप सच में कृष्ण हो? वहां जाकर इतना ढूंढा वहां क्यों नहीं आए🙄
खैर सुनो..
कुछ नहीं सबकी ही तरह इस प्रकृति के चक्र को पूरा करके आ गई! प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाया मगर जीवन जीने के चक्कर में कहीं न कहीं पहुंच ही गया।
बस जीती रही जीती रही...जब जवानी आई तो समझ आया कुछ योग कर्म कर लूं ताकि मेरी देह प्रबल हो जाए। योग किया फिर समझ आया कि कुछ ध्यान भी कर लूं ताकि जीवन का अर्थ समझ आए मगर समाज की जिम्मेदारियों में ऐसी फंसी कि ध्यान तो नहीं हो पाया मगर इतना समझ आ गया कि कर्म योग ही ध्यान अर्थात् जीवन जीकर और अपनी भूमिका अच्छे से निभाना ही ध्यान है।
आपके धर्म - उपदेशानुसार अच्छाई की और बुराई करने पर कर्म - फल की भोगी भी बनी। क्षमा,करुणा इत्यादि सभी भाव रखे अंतर्मन में, सच कहूं तो कृष्ण बस जीवन का मकसद ही ढूंढती रही।
फिर जब समझ आया कि जीवन का तात्पर्य कुछ नहीं हम तो मात्र इस प्रकृति की देन है और इस चक्र का हिस्सा है तो जीवन जीना शुरू किया। लेकिन फिर आपने बुला लिया😒

Krishna after hearing this...
"ऐसे ही थोड़े भगवान बोलते है मुझे😏 सब काम किए है time पर सोच समझकर...बोले तो तेरी सोच जहां खत्म होती वहां अपुन की शुरू होती है।😂 "

Ok ok...

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12 AUG 2020 AT 23:34

भगवान श्री कृष्ण युद्ध के समय अर्जुन को "कर्मयोग" का ज्ञान देते हुए कहते है की.....
वास्तव में मनुष्य को कोई कर्म नही बंधता उस कर्म से जुड़ी आशाएं उसे बांधती है
अर्जुन पूछता है कैसे...?
तो श्री कृष्ण कहते है विचार करो यदि तुम्हे इस युद्ध में न विजय का मोह हो और ना ही पराजय का भय तो इस युद्ध के अंत में तुम्हे सुख प्राप्त होगा या दुख...?
अर्जुन ने कहा दोनो में से कुछ भी नही...
तो भगवान श्री कृष्ण बोले, अर्थात तुम्हारा सुख, दुख,अहंकार,हताशा,निराशा, युद्ध के कारण नही, युद्ध के साथ तुम्हने जो आशाएं बांधी हुई है उसके कारण है।।
🚩🚩जय श्री कृष्ण🚩🚩

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8 NOV 2020 AT 22:34

जब कमल खिलता है
तब भवरें मधु की तलाश में
अपने आप आ जाते हैं...

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14 AUG 2020 AT 21:07

"KARMA"

हर परिस्थिति ,हर सुख ,हर दुःख
का ज़िमेदार इंसान खुद है।

4:4

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9 OCT 2021 AT 21:01

"Life you have explained to me the meaning of karma,
Karma is the path that leads to the destination of success."

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