QUOTES ON #KAID

#kaid quotes

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24 MAY 2020 AT 17:01

कुछ लोगों को बस हमें कैदी बनाकर इश्क़ निभाना हैं जनाब,
पर हमारा दिल भी मोहब्बत करना जानता है, गुलामी नहीं ।

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1 DEC 2019 AT 18:34

Bhai bankar apni fikra to jata di
Hume behan smjhkar thoda Reham to kar jate
Hum wainse bhi kush nahi the
Kam se kam humari jhonti hansi
Ko to choad jate
Taras aata hai hume
Aap logon ki soch par
Sari bandisen hum ladkiyon ke liye
Are fikra etni hi thi to
Us waqt to aa jate jab aapki behan
Aapko pukar Rahi thi

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24 OCT 2020 AT 16:09

गर हैं तुम्हें मोहब्बत उन परिंदों से,
फिर क्यों नही करते आज़ाद उन्हें दुनयावी बंदिशों से।

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13 FEB 2021 AT 20:30

Ehsas na hota dard ka.........
Ehsas na hota bewafae ka....
Ehsas na hota kaid ka...........
Ehsas na hota tanhae ka......
Ehsas na hota gumnami ka..
Ehsas na hota sacchae ka....
Ehsas na hota tutne ka........
Ehsas na hota bejjati ka.......
Agr tum na jate............................

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14 APR 2021 AT 19:46

एक जगह कैद हैं हम खुलकर रहने आए थे
हाल ही में कुछ गम और दुख मिलने आए थे...
हर बार नई जगह ले जाकर रख देती है ये जिंदगी
हम तो बस एक जगह रहने आए थे....
मुसाफिर से हो चुकें हैं राह बदलते हैं हम
मंजिल-मंजिल ना रहा हम तो बस राहों पर रहने आए थे
एक जगह कैद हैं हम खुलकर रहने आए थे ll

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15 MAY 2019 AT 20:51

रिहा होने को सितमगर जिंदगी...
के कैद से अब मेरी बारी है...
एक आखरी दफा गले लगा लो...
कि अब रूखसत हमारी है...

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27 AUG 2020 AT 8:24

में चाहता हूं…
हर उस परिंदे को आसमान मिले,
जिसके पंख है यहां.
कैद के लिए इस जमीं पर,
इंसान कम है क्या ?
ऐ इंसान अपने शौक के लिए,
क्यों पिंजरे में परिंदो को कैद करे.
मुकद्दर को उसके तू क्यू खुद लिखे,
उसका घर... ये पूरा जहां है.
ये ज़मीं भी उन्हीं की है,
ये उन्हीं का आसमां है.
तूने जंगलों को क्या से क्या कर दिया,
परिंदो के घरों को क्यों उजाड़ दिया.
अब भी माफी मांग रब से और इन्हे जाने दे,
ए इंसान तू क्यों परिंदो को कैद करे.

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8 OCT 2020 AT 18:42

Enkar tune kiya, rista tune tora, dhokha tune diya, bejjat tune kiya, jhuth tune bola, badnam tune kiya, aur pabandiya mere pr, banditse mere pr, kaid mujhe.............

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28 AUG 2020 AT 14:35

पर्दे से झांकती
मेरी मासूमियत,
इसे अंदर ही
कैद कर के
रख लिया मैंने।
तेरे छल की
धूप में झुलस
ना जाऊं कहीं,
यूं छांव में भी
खुद को खिला
रखा मैंने।

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25 SEP 2019 AT 12:57

हवाओं के इश्क़ में पत्ते तमाम क्या कहें
शाख़ से बग़ावत का 'अंजाम' क्या कहें

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