QUOTES ON #JUSTICEFORWOMEN

#justiceforwomen quotes

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1 OCT 2020 AT 15:43


फिर एक बेटी को नोचा था कुछ दरिंदो ने ।
आज फिर एक बेटी जिंदगी से जंग हार गई ।
कभी दिल्ली की बेटी जंग हारती है तो कभी हाथरस की बेटी ।
ना जाने हार रोज कितनी बेटियां जंग हारती है ।

क्या हुआ वैसे ये कोई नई बात नहीं है ?? कल फिर होगी 😠🤬
लानत है ऐसे समाज को जहां बेटियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं
कहने को आज आजाद है बेटियां सुरक्षित है बताना जरा किधर से ?
😓😓😓
(( R.l P sister ..))

(( Read caption also ))🙏🏼🙏🏼😓

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26 AUG 2022 AT 14:46

आज फिर भरे बाज़ार में किसी ने इंसाफ़ का गला रेता है,
गुनाहगारों की क्या बात करूं, यह हमारे देश के नेता हैं।

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आज फिर दरिंदो के शिकार बनी एक बेटी
वो चीखती होगी चिल्लाती होगी
मदद के लिए गुहार लगाती होगी
आज सब खामोश बैठा है
सुशांत को सब इंसाफ दिलाना चाहते
कोई बेटियों के सुरक्षा के लिए भी आवाज़ उठाए
जिस देश में बेटी सुरक्षित नहीं वह
देश कैसे शांति से बैठ सकता है
कहा गए मोदी कहा गए योगी
सब बस वोट मांगने वक़्त बन
जाते है ढोंगी।

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1 OCT 2020 AT 14:49

Justice for.....

सिर्फ "नाम" बदल रहे हैं
हालात नहीं..... 🙏

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13 SEP 2021 AT 13:40

कब तक ?

गली - गली , नगर - नगर ,
गांव - गांव और शहर - शहर ,
आखिर किसने फैलाया यहां इतना ज़हर ?
न जाने क्यों बदल गई है सबकी नज़र ?

कब तक डरती रहेगी एक लड़की जनाब ,
आखिर कब तक देने पड़ेंगे उसे ही सारे जवाब ,
क्यों चैन पाकर भी देखे वो बेचैनी भरे ख़्वाब ?

क्यों सहे वो सारे ज़ुल्म और कहर ?
आखिर कब तक दबाओगे उसके स्वर ?
वो भी सिर्फ इसीलिए क्योंकि तुम हो एक नर!!!!!

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30 SEP 2020 AT 14:00

Now enough is enough,
WE really want and need strict laws to deter rape.

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4 OCT 2020 AT 20:45

अपनी जु़बान खोल तू
जब तक है जान बोल तू।

अब अपने दिल की बात सुन
अपनी ज़बान बोल तू।

तू पढ़ तू बढ़ तू काम कर
तेरी है शान बोल तू।

अब बात कर ज़मीन की
और आसमान बोल तू।

चुपचाप घुटके क्या मिला
जोशे तूफ़ान बोल तू।

कोई मिटा सके न जो
वो दास्तान बोल तू।

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6 AUG 2020 AT 12:31

मै नारी हूं, महिमा का प्रतीक हूं,
दुर्गा मानकर पूजते है मुझे फिर क्यों हुआ मेरे साथ ऐसा?

16dec 2012को में निकली थी काम से, मिल गए कुछ हैवान, देंवान थी उनकी नियत, दिखने में हम जैसा था,
एक मेरी भाई की उम्र का,एक मेरे बाबा के उम्र का,
उनकी नजर मेरी जिस्म पर थी, किस्म किस्म की बाते करता, कभी बाहों में खींचता तो कभी मेरे अंगो को सहेलाता ! बहेलता! फुसलाता!
और न जाने क्या क्या किए जाता! बर्बरता का पुजारी था! बाबा तेरे परी को उस हैवान ने गालो पर थप्पड़ खींचा था , खींच कर बालों को घसीटा था ज़मीन पर, फिर एक हाथ रखा मेरे मुंह पर और दूसरा मेरे जिस्म पर, खींच कर दुप्पटा मेरा, टूट पड़ा मेरे जिस्म पर, मैं चीखती चिल्लाती रही! मां को भी आवाज़ लगाई!|

बाबा एहेसास नहीं हुआ क्या आपको आपकी बेटी पर संकट अाई थी!
हुआ है क्या नारी का सम्मान किसी भी युग में?
एक हार गई जुएं में और एक को गुजरना पड़ा अग्निपरीक्षा से !
सीता भी रो पड़ीं और कहा उन्होंने धरती मां से,
अपनी शरण में लेलो मां,
मेरा ना हुआ सम्मान यहां!
मर्यादा परुषोत्तम श्री राम भी नहीं कर सके इंसाफ मेरा!

ठंड पड़ गई शव मेरी,
फिर भी उनका बर्बरता जारी था,
मेरी शव को भी उन दरिंदो ने
हवस कि भाती नोच नोच कर खाया था !

मेरा इंसाफ करना मां,
मै जा रही हूं दूर बहुत!
नहीं हुआ है मेरा सम्मान यहां
नहीं हुआ है मेरा सम्मान यहां|

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28 OCT 2020 AT 20:20

वो सरेआम हमारी,
बहन बेटियो को गोली मारते रहेंगे ,
और हम दशहरे पर अपने ,
हथियारो की पूजा करते रहेंगे😭😭
#justice for Nikita
Words is not mine but 💯 correct

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1 OCT 2020 AT 11:44

Aaj ki duniya mein koi govind aur raam nahi hai sirf dusht raavan aur aur dushyaasan hai
Hamare astitv ki rakshaa ham kudh hi karaanee hogi
Kyonki yaad rakho hammare madad keliye is duniya mein koi raam ya krishn nahi hai
#ye aawaze sirf Manisha keliye nahi
Ye aawaze un hazaaro mahilaon ke liye
Jinki man, tan is taraha toot gaya hai...
#Hum aurate hain..cheez nahi..kamzor nahi...

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